विकलांग अधिकार मंच, हरियाणा द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र जाण्डी की अध्यक्षता में किसान रैस्ट हाऊस रतिया में किया गया। जिसमें जगतार सिंह जिला उपाध्यक्ष अखिल भारतीय किसान सभा व ऋषिकेश राजली राज्य महासचिव विकलांग अधिकार मंच हरियाणा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। इस कार्यशाला में जिला फतेहाबाद के भूना, टिब्बी, चन्दोकलां, मोहम्मदपुर सोत्र, फूलां, ढाणी भोजराज, बुर्ज, चिम्मों, लाली व भून्दड़वास सहित कई गांवों से लगभग 35 विकलांग साथियां ने भाग लिया और संचालन कर्मजीत सिंह पदम ने किया। मौजूदा दौर का संकट के विषय पर बोलते हुए वक्ता जगतार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे जीवन में जो भी संकट आता है उसका हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
विकलांगों के प्रति समाज में ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाता है जैसे की कोई व्यक्ति एक टांग से विकलांग है तो उसे चौटाला कहा जाता है। एक तो वह शारीरिक तौर पर पहले ही असमर्थ है और दूसरा उसको इस तरीके से प्रताड़ित किया जाता है और उसे मानसिक तौर पर ठेस पहुंचाई जाती है। सामान्य नागरिक की तरह विकलांगों को भी गरीमा पूर्ण जीने का अधिकार मिलना चाहिए और विकलांग को भी बराबर की नजर में देखा जाना चाहिए और पूरा मान सम्मान मिलना चाहिए ताकि वह गौरव महसूस कर सकें कि हम भी भारत के नागरिक है। उन्होने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाए मुहैया करवाना सरकार की जिम्मेवारी है।
लोगों का शिक्षित होना देश की तरक्की का सबसे बड़ा फार्मूला है और देश के विकास के लिए नागरिकों का स्वस्थ व शिक्षित होना बहुत जरूरी है। विकलांग अधिकार मंच हरियाणा का लक्ष्य, उद्देश्य और कार्यक्रम के विषय पर बोलते हुए वक्ता ऋषिकेश राजली राज्य महासचिव ने कहा कि विकलांग मान सम्मान पूर्वक गरीमा से जीवन जी सके। यह हमारा लक्ष्य है। विकलांग का एक परिवार घर है तो दूसरा संगठन है और मांगों व सुविधाओं को प्राप्त करना उद्देश्य है।
उन्होने कहा कि आप हमेशा साकारात्म सोच को अपनाए, आप जितना भी साकारात्म सोचते हो उतना ही आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आपकी आयु लम्बी होगी। नाकारात्मक सोचने से जिन्दगी में निराशा ही आयेगी। विकलांगो में भी हुनर की कोई कमी नही है।
जैसे स्टीफन हॉकिंग का नाम दुनिया में कौन नही जानता उनके हाथ-पांव बिल्कुल काम नही करते थे उनका सिर्फ दिमाग काम करता था। उन्होने अपनी काबलियत से दुनियां को अपने ऊपर गर्व करने के कई अवसर दिये। विकलांग होने पर भी उन्होने वो हर चीज पाई जिसकी लोग बस कल्पना ही कर सकते है।
उन्होने भौतिकी पर काम किया और अपने जीवन में ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम जैसी कई किताबे भी लिखी। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। हरियाणा बजट पर बोलते हुए उन्होने कहा कि इस बजट में मात्र 250 रूपये पैंशन बढाने के इलावा विकलांगो के लिए कुछ नही है और विकलांगों के शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर कोई चर्चा नही है। जिसकी विकलांग मंच कड़े शब्दों में निन्दा करता है।
उन्होने विकलांगों को आगामी 18 मार्च को भूना में होने वाले जिला स्तरीय सम्मेलन में अधिक संख्या में पहुंचने का आहवान किया और कहा कि इस बार जिला सम्मेलन ऐतिहासिक होना चाहिए।
इस अवसर पर जिला सचिव व राज्य कमेटी सदस्य सुरेन्द्र कुमार, रतिया ब्लॉक अध्यक्ष कर्मजीत सिंह पदम, रतिया ब्लॉक उपाध्यक्ष अमरीक सिंह, रतिया ब्लॉक सचिव पपल कुमार, भूना ब्लॉक अध्यक्ष ईश्वर भूना, जसवंत, राजेश, राम निवास, मांगे राम, औम प्रकाश, जगसीर, नन्द सिंह, राजेन्द्र कुमार, छिन्द्रपाल, तरसेम चन्द, मेजर सिंह, कुन्दन लाल, भुपिन्द्र सिंह सहित अन्य विकलांग उपस्थित थे।